मधुमेह जीवन पर्यन्त चलने वाली एक असाधारण बीमारी है. रोग की गंभीरता को देखते हुए ये जान लेना अत्यंत आवश्यक है, कि आखिर डायबिटीज क्या है , तथा ये कैसे होता है.
आज के इस भागदौड़ भरे जीवन में अनियमित जीवनशैली और बदलते खान पान के चलते डायबिटीज अर्थात मधुमेह, लोगो में होने वाली एक आम बीमारी बन गईं है. यदि यह रोग किसी के सरीर में एक बार प्रवेश करले तो फिर जीवनपर्यन्त बाहर नही निकलता. इसके साथ ही साथ मधुमेह रोग इतना प्रभावशाली होता है कि इसको धीमी मौत भी कहा जाता है. इस बीमारी का सबसे बुरा प्रभाव है कि यह जब किसी व्यक्ति को अपनी गिरफ़्त में लेती है तो अपने साथ कई अन्य गंभीर बीमारियों को भी बुला लेती है. यही कारण है कि मधुमेह के रोगियों में आंख, लीवर, किडनी तथा पैर दर्द आदि की समस्याएं आमतौर पर देखी जाती है.
डायबिटीज कैसे होता है
मानव सरीर में इन्सुलिन की मात्रा घटने या फिर पैंक्रियाज द्वारा इसका सही उपयोग न किये जाने पर खून में ग्लूकोस का स्तर बढ़ जाता है. वास्तव में यही स्थिति डायबिटीज के नाम से जानी जाती है. दूसरे शब्दों में कहे तो इन्सुलिन हमारे सरीर में भोजन को तोडकर एनर्जी में बदलने का कार्य करता है और साथ ही साथ शुगर की मात्रा को भी संतुलित बनाता है. अर्थात डायबिटीज के रोगियों में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है जो कि सरीर के भिन्न भिन्न हिस्सों को नुकसान पहुंचाती है.
डायबिटीज में आहार
शुगर के रोगियों को अपने भोजन पर अतिरिक्त ध्यान देने की आवस्यकता होती है. ऐसे व्यक्तियों को आहार को एक नियमित मात्रा में निश्चित अन्तराल पर लेना चाहिए. जरुरी है की पीड़ित एक बार में अधिक भोजन ने खाकर उसको थोडा थोडा करके खाएं. इसके साथ ही मधुमेह रोगियों के लिए फलों तथा सलाद आदि का सेवन काफ़ी महत्वपूर्ण माना गया है.
हरी सब्जियां: पालक, शिमला मिर्च, मटर, लौकी, बैगन आदि हरी सब्जियों के साथ ही साथ प्याज तथा लहसुन खाना भी अच्छा माना जाता है.
फल: कच्चा केला, अनार, लीची, अमरुद, तथा एवोकाडो आदि का सेवन फायदेमंद होता है.
डेयरी प्रोडक्ट्स: कम फैट वाला दूध, दही तथा कम मात्रा में पनीर आदि का सेवन भी किआ जा सकता है. याद रहे कि इन डेयरी प्रोडक्ट्स की मात्रा डॉक्टर्स के बताएं अनुसार ही ली जाए.
डायबिटीज में परहेज
शुगर के मरीजो के लिए कुछ आवश्यक सावधानियां रखनी बहुत ही जरूरी है. ऐसे लोग जो शुगर से पीड़ित है उनके लिए निम्न परहेज करनी बहुत ही आवश्यक है-
- खाने में अधिक नमक का सेवन न करे.
- चीनी का सिमित इस्तेमाल करे.
- शुगर युक्त पेय पदार्थो का सेवन न करे.
- कैंडी या आइसक्रीम न खाएं.
- अधिक तेल युक्त अथवा तला भुना भोजन न खाएं.
- धूम्रपान से दूर रहे.
अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से संपर्क करे. उपरोक्त
जानकारी कुछ केसेज में भिन्न भी हो सकती है.