आधे सिर दर्द का कारण तथा उपचार एवं उपयोगी घरेलू नुश्खे
आधे सिर दर्द का कारण तथा उपचार एवं उपयोगी घरेलू नुश्खे
आज के समय में माइग्रेन अथवा आधे सिर का दर्द लोगो में होने वाली एक आम समस्या बना हुआ है. कुछ विशेष दशाओं में यह समस्या गंभीर रूप भी ले सकती है.
आइये जानते है क्या होता है आधे सिर दर्द का कारण तथा उपचार. साथ ही जानेंगे रोग से होने वाले प्रमुख खतरों के बारे में.
सिर के एक हिस्से में होने वाला असामान्य दर्द आमतौर पर माइग्रेन का ही एक प्रकार होता है. यह दर्द कई बार अत्यधिक बढ़ जाता है जिसके चलते पीड़ित को अधिक समस्या का सामना करना पड़ता है. कई बार माइग्रेन मरीज के निजी जीवन को पूर्ण रूप से ध्वस्त कर देता है.
वास्तव में सिर का दर्द सिर से लेकर चेहरे तक किसी भी हिस्से में एक बार या एक से अधिक बार देखा जा सकता है. यह दर्द भिन्न-भिन्न नामो से जाने जाते है, जिनमें सिर के आधे हिस्से का दर्द अथवा माइग्रेन एक प्रमुख रोग है. किसी प्रकार के तनाव या चिंता का अधिक समय तक रहना माइग्रेन अथवा आधे सिर के दर्द का मुख्य कारण हो सकता है. इन्सेफेलाइटिस और मोनिनजाइटिस जैसे संक्रमण भी आधे सिर दर्द का कारण बन सकते है.
क्या है आधे सिर का दर्द?
खोपड़ी, गर्दन या सिर में किसी प्रकार की तकलीफ़ अथवा डिसकम्फर्ट होने की स्थिति को सिरदर्द कहा जाता है. सिर में होने वाला यह दर्द सिर के किसी एक या दोनों हिस्सों में महसूस किआ जा सकता है. हालाकि, ज्यादातर मामलो में यह किसी गंभीर समस्या को आमंत्रित नही करता है. पर अधिक समय तक रहने पर यह हमारी जीवनशैली को प्रभावित करने के साथ ही साथ कुछ गंभीर रोगों का कारण भी बन सकता है.
आधे सिर दर्द के मुख्य लक्षण
आधे सिरदर्द के लक्षण मुख्य रूप से उसके प्रकार पर निर्भर करते है.
माइग्रेन:
माइग्रेन एक गंभीर प्रकार का दर्द होता है, जो अत्यधिक पीड़ादायक होने के साथ मुख्य रूप से सिर के आधे हिस्से को प्रभावित करता है. यह दर्द प्रारंभ में आंख के आस-पास महसूस किआ जाता है जबकि समय के साथ बढ़ते बढ़ते यह पूरे सिर पर अपना कब्ज़ा जमा लेता है.
इस प्रकार के सिर दर्द में गंभीर पीड़ा के साथ-साथ निम्न समस्याएं भी पेश आती है.
- धुंधला दिखाई देना
- रोशनी के प्रति अतिसंवेदनशीलता
- जी मिचलाना
- ध्वनी के प्रति अतिसंवेदनशीलता
क्लस्टर सिरदर्द:
इस विकार से पीड़ित लोग लगातार इसके गंभीर प्रभाव को अपनी आँखों के आस-पास महसूस करते है. यह भी धीरे धीरे करके सिर के अन्य हिस्सों जैसे चेहरा, गर्दन आदि को प्रभावित करता है.
- आंख लाल होना
- बेचैनी
- आँखों से पानी आना
- प्रभावित आंख में स्वेलिंग
- पीली या लाल त्वचा
- चेहरे पर सूजन
- नाक का जमना या बंद होना
टेंशन सिरदर्द
- सिर के एक ओर असहनीय दर्द जो धीरे-धीरे आंख के पीछे से होता हुआ माथे व सिर के पिछले हिस्से तक पहुँच जाता है.
- शाम के समय में दर्द और अधिक बढ़ जाता है.
- गर्दन व कंधे की मांसपेशियों में अकडन होना.
चिकित्सक से कब मिलना चाहिए
ऐसे कम ही मामले होते है जब आधे सिर का दर्द किसी गंभीर स्थिति को जन्म देता हो. हालाकि कुछ विशेष स्थितियों में इसको नजरंदाज़ करना बड़ी समस्या का कारण भी बन सकता है. यदि कोई व्यक्ति किसी प्रकार की चोट के चलते यह दर्द महसूस करता है तो उसको जल्द ही किसी अच्छे चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा निम्न लक्षण महसूस होने पर भी आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.
- दर्द के कारण नींद न आना अथवा रात को उठना
- गर्दन अकड़ना
- बुखार होना
- बोलने में समस्या होना
- कमजोरी होना
- दोहरा दिखाई देना या फिर नजर का कमजोर होना
यदि किसी व्यक्ति को अचानक से आधे सिर में दर्द का अनुभव होता है तथा जिसके कारण वह व्यक्ति सोने में असमर्थता महसूस करता है, उसे जल्द से जल्द उचित मेडिकल परामर्श लेने की जरुरत है.
अर्द्धकपारी के प्रमुख कारण व जोख़िम
आधे सिर के दर्द के कारण मुख्य रूप से निम्न हो सकते है;
· टेम्पोरल अर्टराइटिस: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमे चेहरे और सिर में अचानक तीव्र दर्द होने लगता है. इससे पीड़ित व्यक्ति में मुख्य रूप से आधे सिर दर्द की सिकायत होती है.
· ओसीपिटल न्यूरेलिया: यह परिस्थित तब उत्पन्न होती है जब रीढ़ की हड्डी के अधो भाग की नशों में सूजन अथवा लालिमा आ जाती है. नशों में हुई किसी भी प्रकार की क्षति भी इसका कारण हो सकती है.
· रिबाउंड सिरदर्द: जरूरत से ज्यादा दर्द निवारक दवाओ का सेवन इस स्थिति को जन्म दे सकता है.
· चेहरे की नशों में दर्द: यह स्थिति भी अक्सर चेहरे एवं सिर में तीव्र दर्द का कारण बनती है.
आधे सिर दर्द की रोकथाम कैसे करे?
सिर के दर्द के कुछ प्रकार ऐसे भी है जिनकी रोकथाम नहीं की जा सकती. यधपि कुछ सामान्य तरीको को फॉलो करके हम इनके लक्षणों को कम कर सकते है.
- 24 घंटो में कुछ समय के लिए खुले वातावरण में घूमना अच्छा माना जाता है. यह तरीका उन लोगो में ज्यादा कारगर साबित होता है, जिनको अधिक आवाज, दुर्गन्ध तथा रोशनी के कारण सिर दर्द की समस्या होती है.
- सिर के पिछले हिस्से या फिर जिस हिस्से में दर्द होता हो उस हिस्से की सिकाई करनी चाहिए.
- आधे सिर दर्द के इलाज के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज भी एक अच्छा चुनाव हो सकता है. यह एक्सरसाइज सिर दर्द के साथ ही साथ तनाव से भी निजात पाने का एक अच्छा तरीका हो सकती है.
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ.
- लम्बे समय तक मोबाइल या टीवी की स्क्रीन को न देखें. यदि आपको किसी कार्य के चलते अधिक समय तक फ़ोन या लैपटॉप में झांकने की आवश्यकता होती है तो बेहतर है कि आप बीच-बीच में अपनी आँखों को आराम देते रहे.
- अपनी शारीरिक मुद्रा पर ध्यान दे ताकि सिर, गर्दन, तथा कंधो पर अधिक जोर न पड़े.
- हेयर स्टाइल पर ध्यान दे तथा अधिक कसी हुई हेयर स्टाइल न करे.
- मांसपेशियों में खिचाव आने पर उचित थेरेपी ले. हल्की मालिश भी कारगर साबित हो सकती है.
- अच्छी नींद लेना भी सिर दर्द से छुटकारा पाने का एक अच्छा उपाए माना जाता है.
- अल्कोहल तथा कैफ़ीन आदि पदार्थ के सेवन से बचे. शराब, कॉफ़ी तथा चाय आदि पेय पदार्थ का कम से कम उपयोग करे.
आधे सिर दर्द का इलाज
आइये जानते है क्या हो सकता है आधे सिर दर्द का इलाज
- अर्द्धकपारी के ज्यादातर प्रकारों का इलाज मुख्य रूप से दर्द निवारक दवाओ द्वारा किआ जाता है. एस्पिरिन तथा इबुप्रोफेन आदि नॉन-प्रिस्क्रिप्शन दवाए इसके इलाज के लिए सबसे बेहतर एवं सुरक्षित विकल्प हो सकती है.
- यदि यह दर्द किसी अन्य शारीरिक विकार के चलते होता है तो आपके चिकित्सक आपकी मर्ज को ध्यान में रखते हुए इलाज करेंगे.
- माइग्रेन के लिए दर्द निवारक दवाए तथा टेंशन सिरदर्द के उपचार हेतु मांशपेशियो को शांत करने वाली दवाए बेहतर मानी जाती है.
- यदि दर्द साइनस के इन्फेक्शन के कारण हो रहा है तो आपके डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दवाए लेने की सलाह दे सकते है. इन्फेक्शन खत्म होने के बाद दर्द स्वयं ही चला जाता है.
- दर्द अधिक गंभीर हो जाए तो आपके डॉक्टर आपको ओपिआईडस लेने की भी सलाह दे सकते है. ध्यान रहे ओपिआईड कोई साधारण दवा नही है, इस पर कई प्रकार के नियम व कानून भी लागू होते है.
आधे सिर दर्द का घरेलु उपचार (नुश्खा)
आधे सिर के दर्द से पीड़ित व्यक्ति को गुनगुने पानी के साथ त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करना चाहिए. ऐसा करने से पीड़ित में कब्ज की समस्या नहीं होती जो कि आधे सिर दर्द का एक प्रमुख कारण मानी जाती है. सुबह के समय दूध और जलेबी का सेवन भी सिरदर्द से निजात दिलाता है. खोया, मलाई, दूध, रबड़ी, मालपुआ, घेवर, फेनी तथा हलवा आदि खाने से भी सिर दर्द से राहत मिलती है. इसके साथ ही सुबह के समय में दूध में घी डालकर उसका सेवन करना भी फायदेमंद होता है. गाय के घी अथवा दूध को दो-दो बूंद करके नाक में डालना चाहिए.